Friday, October 21, 2016

मन को मोह लेते हैं उत्तराखंड की ये बुग्याल मैदान।

उत्तराखंड छोटा राज्य जरूर है लेकिन इस छोटे से प्रदेश मे सुन्दरता की कोई कमी नही यहां सेकडो की संख्या मे बुग्याल क्षेत्र  है जहां देशी विदेशी सैनानी हर साल घुमने आते हैं वस्तुतः बुग्याल एक घास है जो उपरी ठण्डे मैदानो मे उगती है उपर से बफ्रफीले पहाड ओर खर्षू मोरू के पेड इनकी सुन्दरता पर चार चांद लगा देते है।
यहां आकर तो मन ही नही करता कि घर जाना है बस यही मन करेगा कि इन हसीन वादियों मे कहीं खो जाऐं कई पुराने गीत गुनगुनाने का मन करता है जिसमे ऐक गीत बहुत फेमश है - "हुस्न पहाडो का ओ साहिबा क्या कहने बारो महिने यहां मौसम है जाडों का।"
बुग्याल के बारे मे ओर जाने तो
हजारों फीट की ऊंचाई पर मीलों तक फैले हरे मखमली घास के ढलाऊ मैदान मे उगनी वाल घास के नाम से ही इन मैदानो के नाम पर बुग्याल लगाया जाता हे।
हिमशिखरों की तलहटी में जहां टिंबर लाइन (यानी पेडों की कतारें) समाप्त हो जाती हैं वहां से हरे मखमली घास के मैदान शुरू होने लगते हैं।
आम तौर पर ये 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित होते हैं।
गढवाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।
बुग्याल हिम रेखा और वृक्ष रेखा के बीच का क्षेत्र होता है।
स्थानीय लोगों और मवेशियों के लिए ये चरागाह का काम देते हैं तो बंजारों, घुम्मंतुओं और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए आराम की जगह व कैंपसाइट का।
गरमियों की मखमली घास पर सर्दियों में जब बर्फ की सफेद चादर बिछ जाती है तो ये बुग्याल स्कीइंग और अन्य बर्फानी खेलों का अड्डा बन जाते हैं।
यहां कई लोग अपनी भेड बकरी भैंसे कुतों को जून जुलाई मै यहां लाते हैं यहां सुन्दर वादियों मे उनका बसेरा बन जाता है
बुग्याल उत्तराखंड मे आने वाले समय मे पर्यटन के लिऐ विशेष महत्व रखैगी । फुलो की घाटी के समान ही कई सैनानी यहां आते हैं
उत्तराखंड के बुग्याल

1. पंवाली बुग्याल
2. पनर बुग्याल
3. कुश कल्याणी बुग्याल
4. खलिया बुग्याल
5. गुरसों बुग्याल
6. बेदनी बुग्याल
7. चोपता बुग्याल
8. दयारा बुग्याल
9. गिदरा बुग्याल
10. आली बुग्याल

इनके अलावा ओर भी बहुत सारी बुग्याल हैं जिनकी चर्चा होती रेहती है हमे जरूरत है कि इन जगहों को देश ओर दुनिया की नजरों मे लाऐं।

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