गढ़वाल में क्रिकेट के नियम-
गढ़वाल मे ये कम ही होता हे कि क्रिकेट किसी समतल मैदान में खैला जाता हो जादातर क्रिकेट खैतों में खैला जाता है ओर खैतों में खैलने का रोंमाच भी कम नही होता है आइऐ आपकी बचपन की यादों को ताजा कर लेते हैं क्योंकि आपने भी कही न कहीं इन नियमों के अन्दर खेल का लुफ्त उठाया होगा यहां LBW जरूर ना माना जाता हो लेकिन छक्के बहुत लम्बे होते हैं कभी कभी तो ये छक्के इतने लम्बे होते हैं कि पुरी टीम दिनभर बाॅल खोजने मे ही लगा देती है
1. 5 खेत ऊपर छक्का यानी अगर खेत छोटे हैं तो बढाया भी जा सकता है ओर खेत जादा बडे हैं तो घटाया भी जा सकता है
2. 10 खेत नीचे टकरा के 4 रन, डायरेक्ट छक्का
3. पेड़ से बॉल टकरा के वापस आएगी तो 2 रन। (मैदान के बीच कोई पेड़ हो तो उसे प्राकृतिक ब्यवधान मानकर उसके रन अलग से मान लिए जाते हैं )
4. बीच की किलडी ( मिडिल स्टंप ) थोड़ा छोटी।
5. बाय का चौका रोकने के लिए थर्ड मैन पर अच्छा फिल्डर होगा कइ बार तो आधा टी विकेट के पीछे रखनी पडती है क्योंकि पिछे की तरफ खाई होती है
6. खतरनाक गेंदबाज वही माना जायेगा जिसके ओवर में एक – दो सुट बाल हों यानी बोल नीचे से निकल गयी हो ओर मजबूत टीम वही मानी जाती है जिसमे 3-4 लेफ्टी हो।
7. ब्रेक टाइम : माल्टे नारंगी, धारे का पानी पीना
8. सब जगह बाॅल मार सकते है पर पिछे की ओर दादी के खेत में जायेगी तो आउट, बॉल लेने भी वही जायेगा जो शॉट मारेगा।
9. तेज बाॅल करनी की नही होगी क्योंकि पेड नही है ओर चोट लग सकती है
10. अम्पायर अपनी ही टीम का होगा ओर पहली बाॅल ट्राई होगी
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