Tuesday, November 1, 2016

सुबे की एकता बिष्ट वेस्टइंडिज दौरे ओर एशिया कप मे दिखांऐंगी फिरकी का जलवा।


अल्मोड़ा की होनहार महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट एशिया कप और वेस्टइडीज के साथ होने वाले मैचो की श्रृंखला में अपनी गेदबाजी का जलवा दिखाएंगी। उनका चयन बड़ौदा में हुए चैलेजर कप स्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर एशिया कप व वेस्टइंडीज मैचों की श्रृंखला के लिए हुआ है। यह जानकारी जिला क्रिकेट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गिरीश धवन ने दी। उन्होंने बताया कि वेस्टंडीज की टीम अपने भारतीय दौरे के दौरान 10 से 22 नवंबर तक 3 वन डे तथा तीन टी-20 मैच खेलेगी। इसके बाद 27 नवंबर से एशिया कप थाइलैड मे खेला जाएगा। इन स्पर्धाओ एकता का चयन बतौर गेदबाज हुआ है। दीपावली पर्व पर अपने घर अल्मोड़ा पहुंची एकता ने बताया कि वह बेहतर प्रदर्शन कर अपने देश का नाम रोशन करने का भरसक प्रयत्‌न करेगी। इधर, एकता के प्रशिक्षक लियाकत अली खान ने एकता से इन स्पर्धाओं मे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है।

एकता बिष्ट परिचय -
एकता बिष्ट भारत की एक अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे अल्मोड़ा, उत्तराखंड राज्य से हैं और घरेलू क्रिकेट में उत्तराखंड का प्रतिनिधत्व करतीं हैं। एकता बिष्ट एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेन्टी ट्वेन्टी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं।
एकता बिष्ट का जन्म भारत में उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में ८ फ़रवरी १९८६ को हुआ। मधुर स्वभाव की एकता गेदबाजी में भारत की ओर से गेंदबाजी मे तीखे तेवर दिखाती हैं ओर विपक्षी टीम को पिछे हटने को मजबूर करती हैं। उत्तराखंड का नाम रोशन करने पर हमे एकता पर गर्व है।

एकता ने अपनी प्रतिभा के दम पर 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाते हुए अॉस्ट्रेलिय के खिलाफ वन डे मैच से अपने करियर का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने पिछे मुड़कर नहीं देखा। 2012 में श्रीलंका में हुए टी-20 महिला विश्व कप में मेजबान टीम के खिलाफ खेले गए मैच में हैट्रिक लेकर जीत में अहम भूमिका निभाई। एशिया कप में भी वह अपने खेल का जलवा बिखेर चुकी हैं।

बडी ही उदास है उत्तराखंड सरकार का रवैया खिलाडियों को नही मिलती तबजू -
दाएं हाथ की फिरकी गेंदबाज एकता की प्रतिभा को कोच लियाकत अली खान ने पहचाना और उन्हें प्रशिक्षण दिया। सूबे में प्रोत्साहन न मिलने के कारण उन्होंने 2007 में यूपी की ओर से खेलना शुरू किया। उत्तराखंड मे आज भी अच्छे कोचिंग सेंटर नही हैं जो भी है वो अपने ही दम पर न जाने कितने ही महिलाओं के अंदर हुनर का हजूम है लेकिन सोई हुई उत्तराखंडी सरकार इस पहलू पर विचार ही नही करती। कोई पलायन को मजबूर है तो कोई एसा भी है जो आत्महत्या तक मजबूर हो जाऐ।

खैर हमारा राज्य कब जागरूक होगा वो पता नही लेकिन एकता विष्ट को उनके इस दौरे के लिऐ बहुत शुभकमनाऐं।

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